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कहां तुम चले गए….

aadarsh
aadarsh
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जिंदगी की दौड़ भी आज धीमी हो गई
तुम्हारी महक न जाने कहां खो गई
गम की धूप में नहीं दिख रही कोई छांव
नम हवाओं में और नमी हो गई
वो हवा का झोका……
वो मुस्कान, वो अंदाज
सच को हंसकर बोलना
धीमे अंदाज में बड़ी बात बोलना
शायद अब खो गया
आज माहौल गमगीन हो गया
सभी आज शांत हैं …. क्या बात हो गई?
जो कभी सितारों की तरह चमकता था
वो आज सितारों का ही हो गया
शब्दों में नहीं कह सकता ……….कि
मेरा ….बाबू मोशाय…..सो गया ।।

अच्छा तो हम चलते हैं...
अच्छा तो हम चलते हैं...

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